श्री भागीरथी सेवा ट्रस्ट के द्वारा १९३४ से लगातार नित्य प्रति गंगा आरती का आयोजन किया जाता है!जिसमे विधिवत पूजन करने के उपरांत गंगा आरती , महाआरती व् बनारस के
आगे पढ़ेश्री भागीरथी सेवा ट्रस्ट गंगा पूजन विद्वान ब्राह्मणो के द्वारा आयोजित करता है ! यहाँ प्रांत कालीन गंगा पूजन आरती ,मध्य कालीन गंगा पूजन आरती ,सायकालीन पूजन व् आरती !
आगे पढ़ेराजघाट गंगा तट पर स्थित गंगा निवास उत्तम रहने व् सोने व् आराम का स्थान है ! यहाँ सभी AC/नॉन AC कमरे की व्यवस्था है! पावर जनरेटर की सुविधा भी उपलब्ध है !
आगे पढ़ेहमने गंगा आरती,गंगा पूजन के साथ गंगा निवास इन सभी सुविधाओं का लाभ सभी गंगा भगत जनो के लिए विशेष रूप से प्रभंध कर रखा है! हम भगत जनो क लिए यह सभी सुविधाएं प्रदान करते है, जिससे हर भगत जन इसका लाभ उठाये और गंगा माँ का आशीर्वाद पाए !
राजघाट एक पौराणिक धार्मिक स्थल है! यहाँ प्राचीन काल से गंगा जी का प्राचीनतम तट रहा है! यहाँ से ४कम पे कर्णवास स्थल है जो महाभारत काल से राजा कर्ण के द्वारा स्वर्ण मुद्राये दान की जाती है!वह स्थल आज भी स्थित है!
हमारे पास सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है! हमने विशेष रूप से सभी भगत जनो के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान रखा हुआ है! हमारे यहाँ सभी भगत जन को रहना , गंगा आरती, कमरे वह भी Ac और non Ac उपलब्ध है!
गंगा आरती के अलावा हम प्रसाद,अखंड ज्योति का भी विशेष रूप से प्रभंध है!अगर कोई अपनी तरफ से भेट देना चाहता है तह उसका भी प्रबंध किया गया है ! .
राजघाट एक पौराणिक धार्मिक स्थल है! यहाँ प्राचीन काल से गंगा जी का प्राचीनतम तट रहा है! यहाँ से 4km पे कर्णवास स्थल है जो महाभारत काल से राजा कर्ण के द्वारा स्वर्ण मुद्राये दान की जाती है!वह स्थल आज भी स्थित है!
यहाँ से 7km पर माँ वैलोंन भवानी का मंदिर स्थित है! यहकि मानयता है की "जब तक वैलोंन भवानी व् कर्णवास" वाली माता के दर्शन भगतगण नहीं कर लेते है तब तक भगतो की यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती!
नवदुर्गो में यहाँ पर लाखो की संख्या में भगतगण स्नान ,ध्यान ,पूजन व् आरती करके अपनी मनोकामना पूर्ण करते है!
राजघाट एक तीर्थ स्थल है! यहाँ पर प्रतेक रविवार अमावस्या, पूर्णमाशी,कार्तिक पूर्णिमा व् गंगादशेहरा पर काफी संख्या मै गंगा भगत जन सनान के लिए आते है!