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राजघाट एक पौराणिक धार्मिक स्थल है! यहाँ प्राचीन काल से गंगा जी का प्राचीनतम तट रहा है! यहाँ से 4km पे कर्णवास स्थल है जो महाभारत काल से राजा कर्ण के द्वारा स्वर्ण मुद्राये दान की जाती है!वह स्थल आज भी स्थित है!यहाँ से 7km पर माँ वैलोंन भवानी का मंदिर स्थित है! यहकि मानयता है की "जब तक वैलोंन भवानी व् कर्णवास वाली माता के दर्शन भगतगण नहीं कर लेते है तब तक भ्क्तो की यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती!
नवदुर्गो में यहाँ पर लाखो की संख्या में भक्त गण स्नान ,ध्यान , पूजन व् आरती करके अपनी मनोकामना पूर्ण करते है!
राजघाट एक तीर्थ स्थल है! यहाँ पर प्रतेक रविवार अमावस्या, पूर्णमाशी,कार्तिक पूर्णिमा व् गंगादशेहरा पर काफी संख्या मै गंगा भक्त जन स्नान के लिए आते है!
विशेष::- राजघाट पर गंगमहोत्सव पिछले ८४ वर्षो से बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है ! इस दिन प्रातकालीन पूजन व् आरती,मध्य कालीन पूजन व् आरती,सायकालीन पूजन व् आरती के विभिन प्रोग्राम होते है !इस उत्सव को पंडित लोकमन जी द्वारा सं १९३४ से स्थापित किया गया था, तभी से अब तक प्रतेक वर्ष मनाया जाता है!
इस दिन लाखो की संख्या में लोग यहाँ आकर गंगा स्नान ,ध्यान ,पूजन ,भंडारा आदि करते है !
विशेष रूप से ध्यान दे:- अब आप गंगनिवास के लिए online भी बुक कर सकते है !
अगर कोई अपनी तरफ से श्री भागीरथी सेवा ट्रस्ट को दान देना चाहते है तो दान निचे दिए गए अकाउंट में करे!
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Narora |